अमिताभ बच्चन की जीवनी
परिचय
अमिताभ बच्चन का पूरा नाम - अमिताभ हरिवंश राय बच्चन
जन्म - 11 अक्टूबर, 1942
जन्म स्थान - इलाहबाद, उत्तरप्रदेश
पिता का नाम - हरिवंश राय बच्चन
माता का नाम - तेजी बच्चन
विवाह - जया बच्चन
संतान - अभिषेक बच्चन , श्वेता नंदा
अमिताभ बच्चन का निजी जीवन
अमिताभ बच्चन का पूरा नाम अमिताभ हरिवंश राय बच्चन है इनका जन्म 11 अक्टूबर 1942 इलाहबाद, उत्तरप्रदेश में हुआ. इनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन और माता का नाम तेजी बच्चन था इनके बचपन का नाम इंकलाब था जो बाद में बदल कर अमिताभ रखा गया. अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन जी एक मशहूर हिंदी कवि थे और इनकी माता तेजी बच्चन करांची से सम्बन्ध रखती थी. उन्हें स्टेज की दुनिया में आने के लिए प्रेरित किया परन्तु उन्होंने गृहणी बनना पसंद किया ।
अमिताभ बच्चन हरिवंश राय बच्चन के दो पुत्र में से बड़े पुत्र है दूसरे पुत्र का नाम अजिताभ बच्चन।
अमिताभ का उपनाम श्रीवास्तव है. लेकिन इनके पिता ने अपनी रचनाओं बच्चन नाम से प्रकाशित किया जो उसके बाद से पूरे परिवार का नाम बच्चन जुड़ गया।
अमिताभ बच्चन ने एम ए की दो बार उपाधि ग्रहण की है. मास्टर ऑफ़ आर्ट्स (स्नाकोत्तर ) इलाहाबाद के ज्ञान प्रबोधनी और बॉयज हाई स्कूल और उसके बाद नैनीताल के सेरवुड से पढ़ाई की जहाँ उसे कला संकाय में प्रवेश मिला. अध्ययन करने के लिए इन्होने दिल्ली विश्व विद्यालय के किरोड़ी मल कॉलेज गए. वहाँ से इन्होने विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
बच्चन ने अपनी आयु के 20 के दसक में अभिनय में अपना करियर आजमाने के लिए कोलकाता की एक शिपिंग फर्म बर्ड एंड कंपनी में किराया ब्रोकर की नौकरी छोड़ दी।
उसके बाद अमिताभ बच्चन की शादी अभिनेत्री जया भादुड़ी से हुई. जिससे उन्हें दो संतान है श्वेता नंदा और अभिषेक बच्चन जो अभिनेता है और उनकी शादी अभिनेत्री ऐश्वर्या राय से हुई है।
फ़िल्मी जीवन
अमिताभ बच्चन ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत मशहूर लेखक निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास से की। अहमद अब्बास ने अपनी फिल्म सात हिंदुस्तानी 1969 में अमिताभ बच्चन को अभिनय का मौका दिया . ये उनकी बतौर अभिनेता पहली फिल्म `थी परन्तु ये फिल्म सफल नहीं हुई और उनके अभिनय पर किसी का ध्यान नहीं गया जिससे उन्हें काफी दुःख हुआ परन्तु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और प्रयास जारी रखा।
उनकी पहली फिल्म फ्लॉप होने के बाद एक के बाद एक फिल्म फ्लॉप साबित तब जाके उन्हें सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ अभिनय करने का मौका मिला। उन्हें आनंद 1970 और नमक हराम 1973 उस समय के जाने माने अभिनेता व् सुपरस्टार कहे जाने वाले राजेश खन्ना के साथ उत्क्रिस्ट अभिनय करने के लिए पहचाना गया।
1973 में आयी प्रकाश मेहरा की फिल्म जंजीर आयी यह फिल्म अमिताभ बच्चन तीन साल की असफलता के बाद यह फिल्म उनकी जिंदगी का रुख बदल दिया। जंजीर फिल्म एक अनाथ की कहानी थी जो अपने माँ और बाप का खून होते देखता है और और बड़ा होकर पुलिस ऑफिसर बनता है। इस फिल्म से अमिताभ बच्चन को एंग्री यंग मेन के रूप में जाना जाने लगा।
फिल्म कुली 26 जुलाई 19 8 2 को शूटिंग करते समय पुनीत इस्सर के साथ एक फाइट करते समय उन्हें पेट में बहुत जोर से चोट लग गयी इस फिल्म में पुनीत इस्सर गलती से मुक्का पेट में दे दिए थे और इससे उनके सरीर से काफी खून बह रहा था. उन्हें तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया और वे मौत के मुँह जाते जाते बाल बाल बचे और वे कई महीनो तक हॉस्पिटल में भर्ती रहे.अमिताभ बच्चन के सभी चाहने वालों ने हवन किया तो कोई पूजा की और कोई उनकी लम्बी आयु की कामना की। साल के अंत में तब ठीक हुए.
अमिताभ बच्चन को फिल्म फेयर पुरस्कार , राष्ट्रीय पुरस्कार , पद्मश्री आदि सम्मान प्राप्त हो चुके है साथ ही उन्हें सर्वेक्छन से प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर अमिताभ को मिलेनियम ऑफ़ दी स्टार से भी सुशोभित किया।
उनकी सफल फिल्में इस प्रकार है आनंद 1970 , जंजीर 19 73 , नमक हराम 1973 , अभिमान 1975 , मिली 1970 , दीवार , शोले 1975 , चुपके चुपके 1975 , अमर अकबर एन्थोनी 1977 , मुकद्दर का सिकंदर 19 7 8, मि. नटवरलाल 1979 , सिलसिला 1981 , शक्ति 1982, अग्निपथ 1990 खुदा गवाह 1992 इत्यादि।
राजनीतिक जीवन
फिल्म कुली में बुरी तरह से चोट लगने की वजह से उन्हें लगा की अब वे फिल्म में अभिनय नहीं क्र पाएंगे, इसलिए उन्होंने राजनीती में आने का मन बनाया।
उन्होंने लोकसभा सीट से अपने घर इलाहबाद से उत्तरप्रदेश से पूर्व मुख्यमंत्री एच् एन बहुगुणा को भारी से मतों पराजीत किया।
वे ज्यादा दिन राजनीति में नहीं टिक सके. और फिर उन्होंने फिल्म में ही अपना मन लगाया।
अमिताभ बच्चन के पुराने मित्र व् राजनीतिज्ञ अमर सिंह है और उन्होंने अमिताभ बच्चन की कंपनी एबीसीएल जब आर्थिक संकट से जूझ रही थी तभी उन्होंने उनकी मदद की और बाद में बच्चन जी ने भी अमर सिंह की पार्टी को भी काफी सहयोग किया।
अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की और वह समाजवादी पार्टी की सदस्य बन गई।
उन्होंने फिल्मों से फिर से एक बार वापसी की और शहंशाह फिल्म हिट साबित हुई और इसके बाद उन्होंने अग्निपथ में निभाए गए अभिनय को भी काफी लोगों ने सराहा और इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।